Sunita Katyal
Classics
हाथ कुम्हार के मिट्टी से सने होते हैं,
मिट्टी ही सब कुछ है उसके लिए।
माँ बाप भाई बहन और सखा भी,
गुरु भी और उसकी चिता की राख भी।।
जीवन की परेशा...
हवा के साथ बह...
किसी से नहीं ...
हमें क्या
रात ये कह कर ...
जीवन की परिस्...
किस से कहूं
भ्रमित ना हो
लॉक डॉउन और ह...
अकेलापन और लॉ...
तेरी ही सीखों आदर्शो पर साँसों धड़कन की दुनिया मेरी चलती। तेरी ही सीखों आदर्शो पर साँसों धड़कन की दुनिया मेरी चलती।
दूसरा पग ही ऊपर जाते हुए सत्यलोक में वो पहुँच गया। दूसरा पग ही ऊपर जाते हुए सत्यलोक में वो पहुँच गया।
जिनकी वजह से वजूद मेरा है कैसे उनके लिए मैं चलूं। जिनकी वजह से वजूद मेरा है कैसे उनके लिए मैं चलूं।
बेचारा दिल मेरा, बेचारा ही रह गया।। बेचारा दिल मेरा, बेचारा ही रह गया।।
धीरे धीरे हमारा प्यार अब बढ़ने लगा है हम चुपके चुपके रोज अब मिलने लगे है धीरे धीरे हमारा प्यार अब बढ़ने लगा है हम चुपके चुपके रोज अब मिलने लगे है
क्या लागे मेरा जय मोबाइल देवा स्वामी जय मोबाइल देवा -8 क्या लागे मेरा जय मोबाइल देवा स्वामी जय मोबाइल देवा -8
आप मुझसे मांग लीजिये चाहिए जो कुछ भी आपको। आप मुझसे मांग लीजिये चाहिए जो कुछ भी आपको।
अब सोच ले जो भी होगी ओ हमें बेझिक सहन होगी। अब सोच ले जो भी होगी ओ हमें बेझिक सहन होगी।
मुक्त हुए वो इस संसार से भगवान् भजन करें वन में जाकर वो। मुक्त हुए वो इस संसार से भगवान् भजन करें वन में जाकर वो।
मध्यम आबाद कहे जाते हैं ये, न बहुत अधिक न कम इंसान। मध्यम आबाद कहे जाते हैं ये, न बहुत अधिक न कम इंसान।
सर ना उठाये फिर से रावण, करनी अब तैयारी है नहीं तो भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, यह तो बड़ी सर ना उठाये फिर से रावण, करनी अब तैयारी है नहीं तो भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, ...
एक दूजे को हिम्मत दे सहारा बन बिन चुप्पी की खड़ी करें एक नयी दुनिया। एक दूजे को हिम्मत दे सहारा बन बिन चुप्पी की खड़ी करें एक नयी दुनिया।
भारत जी ने दिग्विजय में करोड़ों गंधर्वों का संहार किया था। भारत जी ने दिग्विजय में करोड़ों गंधर्वों का संहार किया था।
मिलेगी खुशी यहीं हमें सारी ही उमरिया, मिलेगी खुशी यहीं हमें सारी ही उमरिया..... मिलेगी खुशी यहीं हमें सारी ही उमरिया, मिलेगी खुशी यहीं हमें सारी ही उमरिया......
ओठों से ओठ तो नहीं मिलता पर आँखों से बात बात कर लिया करते, ओठों से ओठ तो नहीं मिलता पर आँखों से बात बात कर लिया करते,
परहित कर विषपान, महादेव जग के बने। सुर नर मुनि गा गान, चरण वंदना नित करें।। परहित कर विषपान, महादेव जग के बने। सुर नर मुनि गा गान, चरण वंदना नित करें।।
मेरा बुढ़ापा सार्थक है वरना, इनके बिना तो मेरा जीना ही निष्क्रिय है निष्काम है.... मेरा बुढ़ापा सार्थक है वरना, इनके बिना तो मेरा जीना ही निष्क्रिय है निष्काम...
प्यार करना तू इतना मुझको, याद करके रोऊँ मैं" माँ को शत-शत नमन। प्यार करना तू इतना मुझको, याद करके रोऊँ मैं" माँ को शत-शत नमन।
नजरिया तरक्की ताकत मुस्कुराहट बनाना साथी हाथ बढ़ाना एक दूजे का मिककर बोझ उठाना।। नजरिया तरक्की ताकत मुस्कुराहट बनाना साथी हाथ बढ़ाना एक दूजे का मिककर बोझ उठाना।।
दिखाने को मन में आया उसने धरती पे "माँ " को बनाया। दिखाने को मन में आया उसने धरती पे "माँ " को बनाया।