हास है परिहास है
हास है परिहास है
हास है परिहास है,
कोई दूर है कोई पास है।
विश्वासों से मेरी ,
ये जिंदगी बस आस है।
खुशियाँ भी है और गम भी है,
कुछ ज्यादा है, कुछ कम भी है।
एक डोर जो बाँधे तुझे,
वो तेरा विश्वास है।
ये जिंदगी बस आस है।
ये जीवन जो तुझको मिला,
तेरी ही परछाई है।
सत्कर्म जो तूने किया,
वो तेरी अच्छाई है।
इस जिंदगी की राह में,
तुझको बनाते खास है।
ये जिंदगी बस आस है।
इस जिंदगी की राह में,
फूल भी, काँटे भी है।
कुछ जगह अच्छा मिला,
कुछ जगह घाटे भी है।
अपनों से जितना दूर है,
तू उतना उनके पास है।
ये जिंदगी बस आस है।
