हाँ मैं सैनिक हूँ
हाँ मैं सैनिक हूँ
हाँ मैं सैनिक हूँ
पर मरने के लिए नहीं
मैं भी जीना चाहता हूँ
मेरी भी कुछ इच्छाएं हैं
कुछ सपने हैं
जिसे मैं जीना चाहता हूँ
हर घड़ी, हर पल मौत का इंतजार है
पर कुछ है जो भूल नहीं पाता हूँ मैं
मेरी मातृभूमि माँ है पर जननी का भी
कर्ज चुकाना चाहता हूँ मैं
घर पर बूढ़े माँ, बाप इंतजार में है मेरे
कैसे कह दूँ बहन, बहन, संतान भी है मेरे
माँ तुझपे कुर्बान हर जीवन मेरा
कैसे ये कह दूँ , माँ तुझ बिन जीवन कोरा मेरा
माँ कुछ समय मुझे भी दे दे
मैं तेरा लाल हूँ यह भी कह दे
तुझपे मर मिटना चाहता हूँ
पर कुछ जिम्मेदारियों को भी निभाना चाहता हूँ
तिरंगे में लिपटा जब मेरा शरीर आयेगा
घरवालों के साथ तुझे भी रोना आयेगा
माँ अपनी गोद में सुला ले मुझे
सिर्फ तेरा बन जाऊँ, ऐसा बना ले मुझे