हाँ मैं बुरा हूँ
हाँ मैं बुरा हूँ
लोग कहते हैं मैं बुरा हूँ,
तो ठीक हैं हां हूँ मैं बुरा।
क्यूँकि आधी रात को
बारह बजे,
मुझे कोई फोन करता है
कहता है कि
मुझे आपकी जरुरत है,
तो मैं फटाफट से,
घरवालो से लड़कर झगड़कर,
घर से बाहर निकल जाता हूँ,
उसकी मदद करने,
मुझे नही पता क्या करना है कैसे करना है,
इसलिये बुरा हूँ
तो ठीक है ,हाँ हूँ मैं बुरा।
रास्ते में जब भीड़ लगी होती है,
और एक इन्सान खूंन से लथपथ,
सडक के किनारे पड़ा,
कराह रहा होता है,
तो मैं अपनी गाड़ी से उतरकर,
उस भीड को चीरता हुआ,
पहुंच जाता हूँ उस बेचारे इन्सान के पास,
कहता हूँ कोई बात नही,
परेशान होने की कोई जरुरत नही,
मैं करता हूँ आपकी मदद,
आपको अपने घर का नम्बर पता है,
मुझे बताओ मैं आपके घर कॉल कर देता हूँ,
और उसको अपनी गाड़ी में बिठाकर,
ले जाता हूँ डॉक्टर के पास,
उसकी मरहम पट्टी कराने।
इसलिये बुरा हूँ
तो ठीक है ,हाँ हूँ मैं बुरा।
जब कहीं किसी बच्चे, बुढे, या महिला को,
कोई सता रहा होता है,
तो मैं अपनी टांग बीच में अडा देता हूँ।
इसलिये बुरा हूँ
तो ठीक है ,हाँ हूँ मैं बुरा।