हालात
हालात
अकेलेपन मे समझ आती है
रिश्तो की असली कीमत
नही चलता पता तबतक
बढती दूरियों की हुकुमत
कोई छोड जाता है तब
पलपल सताती है उसकी याद
यादो के इस संमंदर मे होते हैं
कुछ आबाद कुछ बरबाद
दुख की लहर जिदंगी को
नये मोड पर खडा कर देती है
गम के साथ साथ अकेले मे
मजबूर तनहाई देती है
साथ ना होने से हालात
बदल से जाते हैं
यादो का सहारा लेकर
पल पल बिताये जाते हैं।