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Ajay Singla

Drama

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Ajay Singla

Drama

हालात का मारा

हालात का मारा

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दोस्त मेरा बचपन का था

हरिशचंद्र नाम था

हमेशा सच बोलता था

जाने ये सारा गांव था


जान हम छिड़कते थे

दोस्ती पक्की थी हमारी

साथ हम बिताते थे

छुटिआं सारी की सारी


दसवीं में जब हम थे दोनों

साथ हमारा छूट गया

शहर में मैं आ गया था

संपर्क हमारा टूट गया

 

दस साल के बाद जब मैं

गांव में था वापिस आया

मैंने पूछा कैसा है वो

किसी ने कुछ न बताया


पडोसी एक मेरा बोला

उसके बारे में क्या बताऊँ

गुंडा एक बन गया वो

आप से कुछ न छुपाऊं


छे साल पहले की बात है

गुंडों ने था हमला किया

पापा को उसके मार दिया

उसने था फिर बदला लिया


जेल में था तीन साल

जब आया तो बदला हुआ

बना दुश्मन पूरे गांव का

सबसे उसका झगड़ा हुआ


सुन के मैं पहुंचा उसके घर

देखते ही वो पहचान गया

जब मैंने उसको समझाया

वो बात मेरी मान गया


गुंडागर्दी को कर दी न

 सिक्का नहीं था खोटा वो

सुबह का वो एक भूला था

अब अपने घर को लौटा वो।


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