Sanjay Pathade Shesh
Classics
पराया धन
नहीं होती बेटियाँ
घर की लक्ष्मी
रेवड़ी
जनप्रतिनिधि
अजब दौर है
आदत
श्रद्धा बनाम ...
मोहरा
मोहरे
विश्वास
आश्वासन
हाइकू रचनायें
बंद मुट्ठी से रेत फिसलती जा रही वक्त की धारा में जिंदगी बहती जा रही. बंद मुट्ठी से रेत फिसलती जा रही वक्त की धारा में जिंदगी बहती जा रही.
सबसे शक्तिशाली शत्रु है प्रदूषण, बचाओ इससे अपना पर्यावरण। सबसे शक्तिशाली शत्रु है प्रदूषण, बचाओ इससे अपना पर्यावरण।
रिश्तों को इतनी तोहमत ठीक नहीं इन्हें यकीन ए तराजू में भी तोलिये। रिश्तों को इतनी तोहमत ठीक नहीं इन्हें यकीन ए तराजू में भी तोलिये।
हम हानि नहीं होने देंगे, आपस में नहीं लड़ने देंगे।। हम हानि नहीं होने देंगे, आपस में नहीं लड़ने देंगे।।
अबला ना रही, तू सबला है तू भारत वर्ष की, नारी है ! अबला ना रही, तू सबला है तू भारत वर्ष की, नारी है !
उनको भी एक मंच चाहिए, ताकी सब उनको सुन पाए। उनको भी एक मंच चाहिए, ताकी सब उनको सुन पाए।
और चाहत की खुशी छिपी बैठी है कोने में किसी बिल के, ये कैसी राह बिना मंज़िल के ? और चाहत की खुशी छिपी बैठी है कोने में किसी बिल के, ये कैसी राह बिना मंज़िल क...
रो देने से हिम्मत अधूरी नहीं, और खाली आँखों वाले मज़बूत हों, ऐसा ज़रूरी नहीं। रो देने से हिम्मत अधूरी नहीं, और खाली आँखों वाले मज़बूत हों, ऐसा ज़रूरी नहीं...
आज मेरे पास भले कुछ नहीं, पर मैंने भविष्य में सब कुछ पाया है। आज मेरे पास भले कुछ नहीं, पर मैंने भविष्य में सब कुछ पाया है।
तुम क्या चीज हो उससे तो बड़ा नहीं, किसी की मदद करना बुरी बात नहीं तुम क्या चीज हो उससे तो बड़ा नहीं, किसी की मदद करना बुरी बात नहीं
बस इसी का नाम जिंदगी है यारो और यही पैगाम जिंदगी का है यारो। बस इसी का नाम जिंदगी है यारो और यही पैगाम जिंदगी का है यारो।
टूटा मौन तो अपने शौर्य का बल दिखलाऊंगी। नारी बन जन्मी हूँ, है ये अभिमान मेरा। टूटा मौन तो अपने शौर्य का बल दिखलाऊंगी। नारी बन जन्मी हूँ, है ये अभिमान मेर...
नफ़रत कभी भेट में तो कभी पेट में पता नहीं कैसे मैं सबके बदले बस प्यार लुटाई। नफ़रत कभी भेट में तो कभी पेट में पता नहीं कैसे मैं सबके बदले बस प्यार लुटाई।
जिसकी मिठास से सब तृप्त हों ऐसी जीवन रूपी नदी ही गंगा कहलाती है। जिसकी मिठास से सब तृप्त हों ऐसी जीवन रूपी नदी ही गंगा कहलाती है।
हमें रुलाने वाले आज ख़ुद हमारे आँसू देख रोते हैं हमें रुलाने वाले आज ख़ुद हमारे आँसू देख रोते हैं
जो अपने जीवन की हर खुशी अपने परिवार के नाम कर देते है। जो अपने जीवन की हर खुशी अपने परिवार के नाम कर देते है।
जो बिसर गया चलो उन्हें याद करते हैं फिर मिले हैं फुर्सत के पल ! जो बिसर गया चलो उन्हें याद करते हैं फिर मिले हैं फुर्सत के पल !
हिलोरें लेते हुए प्रेम के सागर में, कृष्ण नगरी जैसा कोई था धाम हो। हिलोरें लेते हुए प्रेम के सागर में, कृष्ण नगरी जैसा कोई था धाम हो।
मानव जितना मर्ज़ी ताकतवर समझे स्वयं को, प्रकृति के आगे शून्य है। मानव जितना मर्ज़ी ताकतवर समझे स्वयं को, प्रकृति के आगे शून्य है।
अब न कहना हमसे हम तुम्हारे यार तो नहीं। अब न कहना हमसे हम तुम्हारे यार तो नहीं।