Pawanesh Thakurathi

Comedy

4.9  

Pawanesh Thakurathi

Comedy

गुरु जी की मार

गुरु जी की मार

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पहली-पहली बार नौवीं में,

गये थे हम कॉलेज।

सोचा पढ़ेगे-लिखेंगे,

लेंगे हम नॉलेज।


गुरुजी ने पास बुलाया,

पूछा हमसे नाम।

नाम बताकर हम,

खड़े हुए विश्राम।


बोले तब वो पिताजी का,

नाम बता लड़के।

महेंद्र बताया हमने,

गुरुजी भड़के।


बोले गोठ का बैल है तेरे,

यह महेंद्रवा।

श्री नहीं लगा सकता,

आ इधर तो आ।


मारी पिछवाड़े में,

दो लतियाँ हमरे।

निकल गया बंधु,

हमरा दम रे।


इतने से ही नहीं थके वो,

मारे घूंसे खूब।

बिगड़ गया हमारा,

अच्छा खासा रूप।


बोले मिमियाते हम,

आज से सदा श्री लगायेंगे।

आपकी ये मार कभी,

भूल न पायेंगे।


कह पवन कविराय,

गुरुजी मार में जादू होवे।

अच्छे-खासों की अक्ल,

ठिकाने लगा देवे।


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