STORYMIRROR

Amit Kumar

Inspirational

2  

Amit Kumar

Inspirational

गुनेहगार

गुनेहगार

1 min
286

क्रूर हो रहे अत्याचारी

लूट रही है अबला नारी

जो झूम रहे है इस दंगल में

वो कब तक रहेंगे मंगल में


एक दिन यह अबला सबल

हो जाएगी

फिर उनकी नींव ढह जाएगी

कोई पानी भी न पूछेगा

उन इंसानियत के ज़ाहनज़ारों को

कोई बहन माँ न मुआफ़ करेगी

कभी भी इन गुनहगारों को...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational