एक दिन यह अबला सबल हो जाएगी एक दिन यह अबला सबल हो जाएगी
साफ़ होगा कब ये जहां अपना ? जब हो ये हम सबका सपना। साफ़ होगा कब ये जहां अपना ? जब हो ये हम सबका सपना।
सूखी थी धरती, झुलस रहे थे जंगल चल रहा था पानी के लिए हर जगह दंगल। सूखी थी धरती, झुलस रहे थे जंगल चल रहा था पानी के लिए हर जगह दंगल।
पूंजीपति फिर जीतेगा सुंदर लाल बहुगुणा जैसे व्यक्ति को यह जंगल न भूलेगा। पूंजीपति फिर जीतेगा सुंदर लाल बहुगुणा जैसे व्यक्ति को यह जंगल न भूलेगा।
आज जंगल में मंगल है क्योंकि यहाँ पर एक बहुत बड़ा दंगल है । आज जंगल में मंगल है क्योंकि यहाँ पर एक बहुत बड़ा दंगल है ।
अगर सच इतना भयानक होता है, तो झूठ का पर्दा रखना ही बेहतर है। अगर सच इतना भयानक होता है, तो झूठ का पर्दा रखना ही बेहतर है।