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Rooh Lost_Soul

Romance

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Rooh Lost_Soul

Romance

गुमसुम मोहब्बत

गुमसुम मोहब्बत

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गुम हो जाता है

मेरा वो हर डर

तुम्हें खो देने का 

तुमसे जुदा होने का

तुमसे दूर जाने का ,

जिस पल, मुझे याद आता है

तेरा दिया वो,हर ज़ख्म

मुझ पर किए तमाम सितम

मुझे छोड़ कर तन्हा ,

गुजारना रातें

किसी और की बाहों में ।


अब गुम हो जाता है

अँधेरो में वो तेरे संग

बिताया हर एक लम्हा ।।



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