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Lingraj Majhi

Romance

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Lingraj Majhi

Romance

गुमशुदा रास्तों पर

गुमशुदा रास्तों पर

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गुमशुदा रास्तों पर 

तुम्हारी तलाश है

वर्षो से ये दिल में

कितना प्यास है 


मिलोगे एक दिन 

मन मे विस्वास है 

स्विकारोगे हमे 

यही आस है 


कुछ कहने को

नहीं साहस है 

आंखों से समझलोगी 

दिलों की एहसास है 

न करो और देरी

अधूरा ये प्यास है 


मिलन की घड़ी आयी 

सावन का मास है 

दिल हमारा रहा नहीं

वो अब आपके पास है

गुमशुदा रास्तों पर

तुम्हारी तलाश है।


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