STORYMIRROR

Lingraj Majhi

Romance Fantasy

4  

Lingraj Majhi

Romance Fantasy

क्या नाम दे उसे

क्या नाम दे उसे

1 min
259

स्याही जैसी घने जुल्फे तुम्हारे

फूल जैसी बदन...

गुलाब जैसी होंठ तुम्हारे 

सागर जैसी नैन।


कोयल जैसी लहजे तुम्हारे

चाँद जैसी रौनक ...

तितली जैसी अदाएं तुम्हारे 

गुलबहार जैसी महक।


बादल जैसी दिल तूम्हारे

जैसी मोर की हो धड़कन..

रात रानी जैसी हंसी तुम्हारे 

कलीयों जैसी मुस्कान।


फुरसत से बनाया हो 

जिसको रब ने ...

क्या नाम दे उसे

अक्सर ये सोचते फिरते है 

आसमानो से आयी हुई को

हम बस परी कहते है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance