STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

2  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

गुलाब

गुलाब

1 min
141


उनका दिया हुआ गुलाब बेहद ख़ास है

दिल में जगाता वो एक हसीं अहसास है,

उसके दिये गुलाब को भूल सकता नहीं हूं

उसका दिल के पन्नो पर अमिट इतिहास है,

कोई कोहिनूर देकर मांगे तो भी इसे नहीं दूंगा

ये मेरी जिंदगी जीने की शायद आख़री सांस है।


 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance