गुज़रा जमाना
गुज़रा जमाना
तुम्हारे साथ बीते हर पलों को याद करता हूँ,
न भूला हूँ न भूलूँगा नज़ारे याद करता हूँ।
तुम्हीं दिल में धड़कन में हमेशा तुमको चाहेंगे,
तुम्हें भी क्या कभी गुज़रे ज़माने याद आएंगे।
सपनों में तेरी तस्वीर से बस बात करता हूँ,
सदा हँसते रहो जानम यही फ़रियाद करता हूँ,
तेरा ही नाम लेकर गीत अधरों पर सजायेंगे,
तुम्हें भी क्या कभी गुज़रे ज़माने याद आयेंगे।
कलियों में खिलन तेरी, फूलों में महक तेरी,
है चंदा में झलक तेरी, सितारों में चमक तेरी,
जिधर देखूँ हर चेहरे में तेरा अक्स पायेंगे,
तुम्हें भी क्या कभी गुज़रे ज़माने याद आएंगे।
ढूढँता दिल फिर वो वक़्त जो साथमें बिताये थे,
तेरे दामन की ख़ुश्बू से उमंगों को सजायें थे,
ग़र तुम पास हो मेरे जहां को भूल जायेगें,
तुम्हें भी क्या कभी गुज़रे ज़माने याद आएंगे।