गति थम रही है
गति थम रही है
पल में रफ्तार थी,
कुछ पल में गति थम गई थी,।।
मैं मानो थम गई थी,
अपनी सुध ही खो चुकी थी,
हाथ थर थर कांप रहे थे,
दिल के किसी कोने में कांच के टुकड़े चुभ रहे थे,।।
पल में रफ्तार थी,
कुछ पल में गति थम गई थी,।।
वो खबर सुन कर मैं गति हीन हो गई,
मेरी दुनिया मेरी सांसे सब थम सी गई,
ना जाने अब आगे क्या होगा,
जिंदगी तो होगी पर उसमें तू ना होगा,।।
पल में रफ्तार थी,
कुछ पल में गति थम गई थी,।।
मुझसे दूर,
क्यों गए तुम इतनी दूर,
एक कमज़ोर हाड़ मांस की मूर्ति बन कर मै रह गई हूं,
अभी तो उत्सुक थी मैं कुछ क्षण में गति हीन हो गई हूं,।।
पल में रफ्तार थी,
कुछ पल में गति थम गई थी,।।
सूने कर गए तुम इस मन के आंगन को,
ले गए अपने साथ तुम मेरे सपनो को,
हमसफर उम्र भर के तुम कहा चले गए ,
इस सफर में हौसले की गाड़ी को गति हीन कर गए,।।