गरीबी
गरीबी
ये मेरे होठों पे,
सिगरेट की निशानी नहीं,
गरीबी का छाला है...
तुम्हारे ही गाड़ियों के धुएँ से,
मेरा चेहरा पड़ा काला है...
हमें देखते ही,
कुछ देने के डर से,
नज़रे चुराते हो...
कभी भुखमरी से,
पड़ा नहीं पाला है,
रेशम का रुमाल लगा के,
चेहरे पे कहते हो,
"यहाँ बहुत बदबू है"...
हमारे भी घर के सामने,
पहले नदी होती थी,
तुम्हारे ही कारखानों ने,
इसे बना डाला नाला है...