STORYMIRROR

Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Inspirational

4  

Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Inspirational

गणतंत्र की गाथा

गणतंत्र की गाथा

1 min
8

अभिन्न अंग है स्वतंत्रता के बाद की कहानी का।

हमारे महान देश भारत की "गणतंत्र की गाथा"।

जिसे कहते व सुनते हुए प्रत्येक भारतवासी का।

गर्व से फूल जाता सीना और चमक जाता माथा।


यहाँ है "स्वविवेक से मताधिकार" का बोलबाला।

प्रत्येक "पाँच वर्ष में सरकार चुनने" का है नियम।

प्रत्येक "बुद्धिमान नागरिक है देश का रखवाला"।

पुरुष या स्त्री, किसी का "अधिकार नहीं है कम"।


गणतंत्र की "कार्य पालिका" की विचित्र संरचना।

प्रत्येक "मंत्री व अधिकारी के सीमित अधिकार"।

"न्याय पालिका" से इन सभी को पड़ता है डरना।

जिससे ये "जनता के अधिकार" को न जायें मार।


"सर्वशिक्षा" और "सर्वधर्म" को दी जाती है मान्यता।

"विचरण" एवं "मनोरंजन" के लिए सब एक समान।

"सूचना" और "सुरक्षा" को दी जाती है प्राथमिकता।

"भरण पोषण" एवं "सरकारी सुविधा" का रहे ध्यान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract