"गणेश उत्सव की बारी"
"गणेश उत्सव की बारी"
सबके जीवन में भर जाये खुशहाली
सब ही जन शौक से सजाओ थाली
सब लोग झूमो रे, सब लोग नाचो रे,
मंगल गीत गाओ रे सब नर-नारी
आई रे आई गणेश उत्सव की बारी
दीये से जैसे रात होती है, उजियारी
गणेश नाम से मिटता है, दुःख भारी
हर मंगल कार्य की वो है, किलकारी
उनके बगैर न होती शुभ की तैयारी
गजानन ही रिद्धि-सिद्धि के दाता है
सब कहते है, विघ्नहर्ता सर्वहितकारी
आई रे आई गणेश उत्सव की बारी
जब आई भाद्रपद्र चतुर्थी शुभकारी
गौरीसूत, शिवपुत्र आप कहलाते हो,
आप से ही गतिमान है, सृष्टि सारी
संपूर्ण ब्रह्मांड के आप हो खिलाड़ी
आप के बिना नहीं चले कोई गाड़ी
गणेश चतुर्थी व्रत जो मन से करे,
चूरमे, लड्डू से गणेश को खुश करे,
उसकी मिट जाये, हर रात अंधियारी
अष्टसिद्धि, नवनिधि से परिपूर्ण करे
यदि गणेशजी की भक्ति करे, भारी
प्रभु श्री गणेशजी के सच्चे ध्यान से,
मूढ़ मति भी हो जाते, तेज तलवारी
बुद्धि के दाता, मेरे बप्पा मंगलकारी
आई रे आई गणेश उत्सव की बारी
सब करो गणेश मूर्ति लाने की तैयारी
जय हो विनायक, आप हो मेरे नायक,
तेरी भक्ति मिले, आखरी इच्छा हमारी