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KUMAR अविनाश

Tragedy

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KUMAR अविनाश

Tragedy

गमों में डूबे

गमों में डूबे

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गमों में डूबे तो फिर जगमगा के निकले हैं ...

यहाँ डूबे थे बहुत दूर जा के निकले हैं ..


तेरी बाहों में बड़े प्यार से आये थे मगर ..

तेरे पंजो से बहुत छटपटा के निकले हैं ...


तूने भी दिल को दुखाने की इन्तहा कर दी...

हम भी महफ़िल से मगर मुस्कुरा के निकले हैं ..


कई लोगो से मेरी नौकरी की बात हुई ...

बहुत से काम तो हाथो में आ के निकले हैं ...


मेरे ही ज़ब्त ने बेचैन किया है तुझको ..

ये तेरे आंसू मुझे आजमा के निकले हैं .


हमने हर नौकरी बर्बाद होके छोड़ी है ...

सबको लगता है के पैसा कमा के निकले हैं .. 


ऐसे वैसो को भी दिल में बसा लिया ''कुमार' 

बहुत से लोग तो बातें बना के निकले हैं ... 



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