गजल (विश्वास)
गजल (विश्वास)
सच्चे दोस्त विश्वास को तोड़ा नहीं करते,
सह लेते हैं दुख दर्द पर धोखा नहीं करते।
आकाश में दिखते हैं लाखों तारे भला
पर चाँद के बराबर उजाला नहीं करते।
हो पास जिसके सच और ईमान की दौलत,
वो लोग भलाई का दिखावा नहीं करते।
पा लेते हैं मंजिल आखिर वो राही
जो पीछे कभी मुड़ा नहीं करते।
जीवन में आए चाहे लाख मुसीबत,
सच्चे मुसाफ़िर धैर्य खोया नहीं करते।
राह सही दिखाते हैं सच्चे,
आधे राह में कभी छोड़ा नहीं करते।
पड़ जाए चाहे काली रात अंधेरी, ऱखते हैं
सफर जारी जो हिम्मत कभी तोड़ा नहीं करते।
रख सुदर्शन हमेशा सच्ची व पक्की यारी,
अपनों का विश्वास कभी तोड़ा नहीं करते।