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संदीप सिंधवाल

Inspirational

4.8  

संदीप सिंधवाल

Inspirational

ग़ज़ल - करो ना (कोरॉना)

ग़ज़ल - करो ना (कोरॉना)

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खुद को चेताया है मेरा विश्वास करो ना

सलामती की खातिर कुछ बात करो ना।


ठिकानों में कैद होना भी वाजिब कभी

कैद मुझे दर अंदर, अपने साथ करो ना।


उस भीड़ से क्या वास्ता जहां रोग फैले

महफूज वाशिंदों कहीं जमात करो ना।


सिर्फ एहतियात बरतेगा इधर जमाना

कि शक की बात मुझसे आज करो ना।


ये बला है 'सिंधवाल' जो रुखसत होगी 

सजगता से मुक्कमल होगा नाम कोरोना।




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