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JAYANTA TOPADAR

Comedy Drama Tragedy

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JAYANTA TOPADAR

Comedy Drama Tragedy

गिरगिट-सा...

गिरगिट-सा...

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इस कलियुग में

आम तौर पर लोग 

अपने निजी स्वार्थ के वशीभूत 

'पावर चेयर' पर बैठे व्यक्ति के

तलवे चाटकर

अक्सर अपना काम

निकाल लिया करते हैं,

मगर जैसे ही

उस व्यक्ति का

ओहदा या स्थान 

बदलने भर की भी 

उन लोगों को 

भनक मिलती है,

तो वो लोग

अपने बोलचाल का

लहज़ा ही बदल देते हैं!

ऐसे कैसे कुछ लोग

गिरगिट-सा अपना रंग

बदलने की कला में

महारत हासिल कर लेते हैं...???


ऐसा दोगलापन क्यों...???


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