गीता
गीता
इस भारत देश की भूमि पर
एक युग ऐसा भी आया था,
जब युद्ध हुआ था घर में ही
भाई ने भाई को मारा था,
दुर्दिन तब ऐसा आया था
हर ओर अंधेरा छाया था,
अन्याय न्याय की थी अनबन
बना सुयोधन भी दुर्योधन
सभा में किया वधु का अपमान
दिखा रहा था झूठी शान
तभी अवतरित हुए भगवान्
देना चाहा उसको भी ज्ञान
किन्तु वह बना रहा नादान
दिया कृष्ण ने सत्य का साथ
पाण्डवों की लगाम ली अपने हाथ
बने सारथी अर्जुन के और
कहा उन्होंने उठो हे पार्थ
युद्ध करो तुम धर्म को जानो
अन्यायी को न अपना मानो
कुरूक्षेत्र में हुआ घमासान
जब हुआ युद्ध का अवसान
तब सत्य, धर्म का हुआ उत्थान
जग को मिला गीता सा ग्रन्थ महान ।।
