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अनुपम मिश्र 'सुदर्शी'

Romance

4  

अनुपम मिश्र 'सुदर्शी'

Romance

गीत

गीत

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8

अश्रुओं में बह गई वो ख्वाब की कहानियां ।

मिट नहीं पाईं अभी वो प्यार की निशानियां।।

शाम की यादों में आतीं तेरी वो जुबानियां।

अश्रुओं में बह गई वो ख्वाब की कहानियां ।।

तुमसे नजरें मिलीं पलकें झुंकी वो हाय दिल।

लुट गया पहली दफा आया जब तुमपे दिल।।

गुल खिले, मुरझाए फिर भी याद है वो वादियां।

अश्रुओं में बह गई वो ख्वाब की कहानियां ।।

याद है वो चांद तुमको, बिंदु उसके तल में था।

तुम मेरे जब दिल में थीं मैं तेरे जब दिल में था।।

मैं मनाऊं रूठने पर और तेरी वो मनमानियां।

अश्रुओं में बह गई वो ख्वाब की कहानियां ।।


                 


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