गीत: इबादत कर मेरे भाई।
गीत: इबादत कर मेरे भाई।
इबादत कर मेरे भाई भला, तुझे किसने रोका है ।
मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है ।।
करे तू आरती चाहे, मुझे अज़ान देना है ।
कोई अरदास करता है, या नाम यीशु का लेना है।
हां मेरे देश सबको बराबर का ही मौका है.....
इबादत कर मेरे भाई भला, तुझे किसने रोका है
मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है
चाहे कोई जैन को माने, या हों बुद्ध के अनुयाई।
अगर कोई नास्तिक भी है तो वो भी है मेरा भाई।।
हम मोहब्बत के हामी हैं, सदा नफ़रत को टोका है
इबादत कर मेरे भाई भला, तुझे किसने रोका है
मगर तू कट्टर बनता है,तो यह हम सब को धोखा है
मनाएं मिलकर सारे ईद, क्रिसमस और दीवाली।
बैसाखी में बजाएं मिलकर सारे, ढोल और ताली।।
बराबर हैं, यहां सारे नहीं, कोई भी छोटा है।
इबादत कर मेरे भाई भला, तुझे किसने रोका है
मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है।
