घर
घर
यह सौ प्रतिशत सत्य है
सूर्य के किरण जैसी
की घर
केवल ईंट और गारा
से ही नहीं बनता।
और यह भी सच है
कि ईंट और गारा
के सिवा भी नहीं बनता।
घर, उसमें रहने वालों से
बनता है
और उनके प्यार से ही
सख्त होता है।
रहने वाले ही यदि
ईंट और गारा में
बदल जाए तो
घर बनेगा कैसे ?