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Manoj Mahato

Inspirational

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Manoj Mahato

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घर बैठे भी संभव है साधना आराधना

घर बैठे भी संभव है साधना आराधना

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मन में मैल भरा है दुनिया साफ दिखाई दे कैसे?

खुद को जब देखा ही नहीं तो आप दिखाई दें कैसे?


मानव जीवन पाने से क्या मानवता आ जाती है?

मानवीय मूल्य जो समझे ना इंसान दिखाई दे कैसे?


केवल साधन संसाधन से जीवन की नाव नहीं चलती?

जब काम किया कुछ है ही नहीं परिणाम दिखाई दे कैसे?


आत्मनिरीक्षण कर दुर्भावनाओं को दूर न कर पाए?

कण कण में मौजूद है पर भगवान दिखाई दे कैसे?


चिंतन करना था जीवन में और तुम चिंता करते हो?

ऐसे में फिर खुशियों के पल साथ दिखाई दें कैसे?


सुनो मनोज तुम कर्म करो कर्मों का फल ही पाओगे।

बबूल लगाकर बैठे हो तुम्हें आम दिखाई दे कैसे?


घर बैठे भी संभव है साधना आराधना,

पर न माया त्याग करो तो राह दिखाई दे कैसे?


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