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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Abstract

4.5  

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

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"घमंड"

"घमंड"

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इतना घमंड करना भी कोई ठीक नहीं

गिरेगा तो मिलेगी तुझे जमीन भी नहीं


रावण, कौरव, कंस अहंकार टिका नहीं

तू तो साखी उनके बराबर का भी नहीं


सौम्य बन, अपना सरल तू व्यवहार रख

रामजी न सही, उनके गुण कुछ तो रख


घमण्डवालों को दुनिया याद करती नहीं

अच्छे व्यवहारवाले दुनिया भूलती नहीं


पौधे पे फल लगता झुकना भूलता नहीं

सीख पौधे से साखी और घमंड मत कर


घमंड तोड़, खुद के भीतर तू सजदा कर

फिर देख भीतर अंधेरा मिटता के नहीं


और तू सितारे जैसा चमकता के नहींं।


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