STORYMIRROR

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

3  

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

1 min
155

ये हुनर बा कमाल देखूँगा।

जब वह खोलेगी बाल देखूंगा।


चांद से रूख पे शबनमी बूंदें।

हुस्न मैं बे मिसाल देखूंगा।


चैन मुझको नहीं जुदाई में।

फिर भी दिल का मलाल देखूंगा।


लौट आया तलाश में तेरे।

फिर नया माह ओ साल देखूंगा।


बदनसीबी की ना शिकायत कर।

तेरा वाजिब सवाल देखूं गा।


सगीर उस पर फिदा है दिल मेरा।

 क्या है उसका ख्याल देखूंगा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance