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jyoti diwakar

Tragedy Action Others

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jyoti diwakar

Tragedy Action Others

गौ माता को पीड़ा है

गौ माता को पीड़ा है

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आज है सुखी हैं,

वो दुखी हैं,

गौ माता को पीड़ा है,

फिर भी हम सुखी हैं,


देखा एक गौ को,

अलाप तापते हुए,

आग में तपते हुए,

पन्नियाँ खाते हुए,


आज का कलयुग है,

बचपन में सुना था,

गौ माता है,

कृष्ण का अवतार है,


आज ये कैसा युग है,

देखा जब जिन्दगी और,

मौत से लड़ते हुए,

सर्द हवा में कांपते हुए,

दो रोटी के लिए डंडे खाते हुए,


आज अहसास हुआ ,

गौ हमारी माता है,

कितना होता सम्मान है,

यही तो कलयुग है,


नफरत है ऐसे कानून से,

जिसने कटने से बचा लिया,

नहीं बचा पाया भूख, ठंड, प्यास से,

यही सोचकर ,

आज हम सुखी हैं,

वो दुखी हैं।



साहित्याला गुण द्या
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