गाँव पुराना
गाँव पुराना
तेरी मेरी ये कहानी,
शुरू होती दुनियादारी,
फूलों सेे महकती क्यारी,
तेरी मेरी ये कहानी,
जगमगाता आँगन मेरा,
सुंदर सलोनी ये कहानी,
जीवन मेरा तेरी जबानी,
तेरी मेरी................,
वो गुलमोहर का पेड़ पुराना,
गिरते फुल प्यारा प्यारा,
आँगन में झूले झूला,
कोई छेड़े मल्हार पुराना,
सावन के वो रिम झिम बरसाते,
जिनमें चलती कागज़ की नैय्या,
वो अंधेरे चमकते जुगनू,
टिम टीम करते जैसे तारा
वो आम की डाली,
वो शहतुत हमारा,
वो गांव हैैै हमारा लगता कितना प्यारा ,
गाँव तालाब लगता सुहाना,
जी करता, मन बसता,
छोड़ के सारे काम हमारे,
बस जाऊँ मैं बस नदी किनारे।
कर सारे उलझनो को दूर ,
रोज देखू उगते ढलते सूरज को उस और,
जैसे कोई खींचे मेरे मन को शहर से गांव की ओर।