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LALIT MOHAN DASH

Abstract Fantasy Inspirational

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LALIT MOHAN DASH

Abstract Fantasy Inspirational

गांव और शहर

गांव और शहर

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शहर का आम आम कहां रहा व‌ तो

राम से श्याम बन गया है।

गांव का आम आम ही है

व तो राम था राम ही है।।


शहर का दिल और 

दिमाग है सोने का।

गांव का सिर्फ 

दिल है सोने का।।


पैसे और दौलत का खेती

होता है शहर के खेत में।

प्रजापति का खुशबू और मधुमक्खी का

गाना लेहे रेता है गांव के आंगन में।।


शहर में पेड़ होता है

ख़ुशी से भरे हुए पैसा के लिए।

गांव में पेड़ होता है

हरि भरी छाया के लिए।।


आखिर में शहर और गांव में 

अन्तर इतना है।

अगर शहर बाप है तो

 गांव हमारी मां है।।


                     


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