गांधी जयंती
गांधी जयंती
सीधा साधा वेश था,
ना था कोई अभिमान।
खादी की एक धोती पहने,
थी बापू की शान।
खड़ी उनकी शान थी,
कर्म उनकी पूजा थी।
सच्चा उनका कर्म था,
हिन्दुस्तान उनकी जान थी।
सिर्फ एक सत्य, एक अहिंसा,
दो थे उनके हथियार,
उन हथियारों से ही तो,
कर दिया हिंदुस्तान आजाद।
ऐसी अमर आत्मा को मैं करती हूं
नमन और सलाम !