नारी की आवाज़
नारी की आवाज़
नारी एक औरत,
एक बेटी,
एक पत्नी,
एक बहु,
और एक मां होने के साथ साथ,
दुष्कर्मों का नाश करने एक देवी की अवतार भी होती है ,
वो सबके बारे में सोचती है,
एक नारी चाहे तो सब कुछ कर सकती है ,
एक समाज और एक परिवार को संवार सकती है ,
और चाहे तो बिगड़ भी सकती है,
वो शक्ती की प्रारंभ और भक्ति की मूरत है,
वो अर्धांगिनी और काली का स्वरूप है,
उसका समाज मै इतना ही अधिकार है,
जितना एक मर्द का।
