फ़टीचर जीन्स
फ़टीचर जीन्स
दोस्त की गाड़ी
फुल ऑन रेस
मैं चलाऊं वर्ना दोस्ती शेष
देखा दूर से आज भी उसे
मज़ाक उड़ाया तूने फिर से
मारा टपकी, फिर चाय पिलायी टपरी पे ले कर
वही फ़टीचर
जीन्स पहनकर
निकला दिल शहज़ादा बनकर
तुझे पसंद नहीं,
मेरा भी दुश्मन
हम बदले साला फंडा है वही
तस्वीर पुरानी
धूल झाड़ ली
आह भरा मुस्कान मार कर
वही फ़टीचर
जीन्स पहनकर
निकला दिल शहज़ादा बनकर...!