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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

पैरोडी : ओ हंसिनी मेरी हंसिनी

पैरोडी : ओ हंसिनी मेरी हंसिनी

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ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी कहां भग चली 

मेरी दुनिया को पूरा हिला के, कहां भग चली 

ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी  


जबसे तू आई हाल बुरा हो गया है मेरा 

मेरी दुनिया में देखो कैसा छा गया है अंधेरा 

ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी कहां भग चली 

मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 


जब तू चले तो ये धरती गगन हिल जाये 

जब तू बोले सब लोगों के लब सिल जाये 

ओ हस्तिनी मेरी हस्तिनी कहां भग चली 

मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 


किसको सुनाऊं मैं मेरे दिल का जो है ये दुखड़ा 

खाना भी ना मिले जब देख लूं मैं तेरा मुखड़ा 

ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी कहां भग चली 

मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 


काश कि ऐसा हो तू ना कभी लौटकर आये 

मेरे दिल को भी थोड़ा सा चैन ओ करार मिल जाए 

ओ हस्तिनी मेरी हस्तिनी कहां भग चली 

मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली। 



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