एकाग्रता
एकाग्रता
जीवन में आगे बढ़ना है तो
एकाग्रता बढ़ानी होगी
लक्ष्य फतह करना है तो
कड़ी तपस्या करनी होगी
शांत रहे जब मस्तिष्क
तभी मन एकाग्र रहता है
चंचल स्वभाव यदि हावी हो
तो कुटिल भाव समग्र रहता है
ध्यान रहे जिस कार्य में
वो कार्य सफल हो जाता है
बाधा उत्पन्न हो जाए तो
कार्य विफल हो जाता है
काम करना चाहते हैं तो
साधक बन कर काम करें
ना इधर - उधर की बात करें
ना दुर्जन - सा व्यवहार करें
चित्त हमारा प्रथम चरण है
जो कामयाबी दिलाता है
एकाग्रता के साथ मिलकर
ये खुशी दुगुनी बढ़ाता है
जीवन के ऊहापोह में बंधकर
कभी ना कोई विचार करें
ध्यानमग्न होकर ही हमेशा
संकल्प अपना साकार करें
अंतर्मन में कारज हेतु
सकारात्मक भाव धरें
निडरता से आगे बढ़कर
प्रगति की सुंदर राह चुने।