एक व्यथा
एक व्यथा
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होती है दिल मे कश्मकश...
जब दिल किसी पे आता है..
निगाहेँ तो साथ देती है..
पर जुबाँ मात दे जाती है..
आते है वो जब रूबरू..
होँश उड़ जाते है..
ये दिल भी साला.. अपना होके भी..
पराया हों जाता है..
साँसे तो लेता है...
पर.. धड़कना भूल जाता है..
alp@meht@#ek ehesas..