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Alpa Mehta

Tragedy

4  

Alpa Mehta

Tragedy

एक व्यथा

एक व्यथा

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360

होती है दिल मे कश्मकश...
जब दिल किसी पे आता है..
निगाहेँ तो साथ देती है..
पर जुबाँ मात दे जाती है..
आते है वो जब रूबरू..
होँश उड़ जाते है..
ये दिल भी साला.. अपना होके भी..
पराया हों जाता है..
साँसे तो लेता है...
पर.. धड़कना भूल जाता है..
alp@meht@#ek ehesas..



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