एक सिपाही
एक सिपाही
जीने का जज्बा धमाल कर गया
ये तो कमाल कर गया !!
गरजती रही बिजली काले आसमाँ में,
बरसते रहे बादल घनेरे घनेरे,
फ़िर भी एक नन्हा सितारा कहीं
टीमटीमा रहा, ये तो ग़जब कर गया !!
अंधेरों के आगे जीत गया,
जीने का ज़ज़्बा धमाल कर गया
बंदिशों में पल रहा हसरतों का जहाँ,
बूंद बूंद गिर के लहु लुहान होता चला,
धरती माँ के रक्ष काज सरहद पर,
चट्टान सा फ़िर भी, सीना तान रहा,
घायल मन हुनर शेर का आजमाता रहा,
ये तो शेर सी दहाड़ मारता गया !!
ये तो कमाल कर गया !!!
जंजीरों से निकल के आज़ाद हो चला,
जीने का हौसला धमाल कर गया
दौर लहु का पानी मांगता रहा,
खतरे में थी साँसे फ़िर भी लड़ता रहा,
आज़ादी के तख़्त पर खुद को शहीद
बनाता चला लड़ता गया, लड़ता गया,
अंत तक अपनी वीरता प्रदान करता रहा,
धरती माँ की गोद मे फिर
मौत का जज्बा धमाल कर गया
ये तो कमाल कर गया.. !!
