मेरा भारत महान..
मेरा भारत महान..
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मुख सूरज देखी,
ज्योत मन मंदिर जलाई,
न बुझे आश हृदय की,
मैंने लौ ऐसी प्रगटाई है।
मे इस देश का भारतवासी,
मेरे देश की पावन मिट्टी,
मेरी जान इसमें है बसी,
करूँ जतन लख लख सरहद पर,
हर डगर डगर मशाले प्रगटाई है।
मेरी देश की शान ना कभी कम हो,
मिले गर वीर गति, न आँखे नम हों,
भरके ताकत लोहे की बाजुओं मे,
हृदय मे अग्निज्वाला जलाई है।
वस्त्र सफ़ेद मेरी मातृभूमि के,
न इनमे कोई कलेश है,
गंगा की पवित्र जल गाथा,
कण कण मे बसाई है।
है राष्ट्रगान मेरा भारत महान,,
हर पथ पथ पर है इनके गुणगान,
शहीदों की वीर गाथा,
शब्द शब्द से पिरोयी है।