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Ratna Kaul Bhardwaj

Inspirational

4.7  

Ratna Kaul Bhardwaj

Inspirational

एक विचार सवेरे सवेरे

एक विचार सवेरे सवेरे

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एक और रात गुज़र गई है

किरणों ने दस्तक दी आकर

कल तक जो हुआ, हुआ, 

आज एक नया आगाज़ कर


जिंदगी बस यों ही देखना

रफ्ता रफ्ता गुज़र जाएगी

इस पल को तू संभाल 

इसमें एक नया साज़ भर


हर दिन बस ऐसे गुज़ार 

किसी मुफलिस की लाठी बन

इंसानियत का चोला पहन

जीवन में नया अंदाज भर


गुज़रे वक्त के कई पन्ने

खाली ही निकल गए होंगे 

बचे पलों को न ज़ाया कर

उठ एक नई परवाज़ भर......."


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