कैलेंडर को मिलते नवजीवन की तरह, अपने जीवन की भी नवीन शुरुआत कर लो। कैलेंडर को मिलते नवजीवन की तरह, अपने जीवन की भी नवीन शुरुआत कर लो।
छत से पकड़ लेते थे चाँद हाथों में अब दरम्यां हुज़ूम-ए-शज़र नज़र आये छत से पकड़ लेते थे चाँद हाथों में अब दरम्यां हुज़ूम-ए-शज़र नज़र आये
जला दे उन हाथों को, जिसने फूंके तेरे पंख हैं जला दे उन हाथों को, जिसने फूंके तेरे पंख हैं