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Pandav Kumar

Romance

3  

Pandav Kumar

Romance

एक तरफा इश्क़

एक तरफा इश्क़

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मैं मिलूं तो कभी तू भी मिल जाए,

मेरी सांस तेरी सांस में ढल जाए

मैं याद करूं तो कभी तू भी दिख जाए

मेरे नैन तेरे नैन से फिर लड़ जाए


मै बढूं तो कभी तुम भी बढ़ो ना

मैं लिखूं तो कभी तुम भी पढ़ो ना

देखते तो होगे तुम भी शायरी मेरी

कभी पास आकर बताओ ना


मर्ज़ी तुम्हारी ऐसी है तो क्या करें

याद करने पर भी जुर्माना भरें?

आकर यही कह तो दो सही

इस गलती की भी सजा भुगत लेंगे हम!


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