STORYMIRROR

एक स्वप्न देखा था मैंने

एक स्वप्न देखा था मैंने

1 min
28.7K


एक स्वप्न देखा था मैंने

स्वतंत्र संयुक्त भारत का

एक प्रतिज्ञा ली थी मैंने

अपनी माँ तो खो चुका

पर भारत माँ को बचाने का

एक निश्चय किया था मैंने


बंग-भंग ना होने का

चाहे कितनी रातों में

भय था कोड़े खाकर सोने का

एक वीर काम किया था मैंने

न्यायाधीश पर बम से हमला करने का


एक चूक कर बैठी मैंने

दो निरपराध औरतो का कत्ल करने का

एक विचार द्रण किया था मैंने

देश के लिए मर मिटने का

एक दिन आया वो भी,

जब प्राण अर्पण करने का


गीता को मैं हाथ लिया

तब फासी पर जा चढ़ने का

हँसते हँसते आखिरी साँसें लिया

क्रांतिकारी मैं अट्ठारह बरस का

एक स्वप्न देखा था मैंने

खुदीराम बोस नाम अमर करने का !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama