एक संवाद ईश्वर से..
एक संवाद ईश्वर से..
माना..
मेरी कविताएं निर्वाह नहीं करती
ईश्वर-भक्ति का ,
पर, हस्तक्षेप भी कहां करतीं हैं
आस्थाओं में उसकी !!
आज..
अशांत है मन
इन कविताओं का ,
झकझोरना नहीं चाहती..
सिर्फ निवेदन है विनम्रता से ,
एक बार, जवाब तो देना !!
दो टूक सवाल करना कभी अमर्यादित नहीं होता,
"झुके हुए शब्दों" का जवाब न देना
..ये कहां की मर्यादा है उसकी !!
हालांकि मैं जानती हूं..
जवाब नहीं मिलेगा आज भी कविताओं को ,
फिर भी, वे करना चाहती हैं
एक संवाद
ईश्वर से !!