STORYMIRROR

Mahesh V Brahmankar

Thriller

2  

Mahesh V Brahmankar

Thriller

एक सैनिक

एक सैनिक

1 min
194


मै हूं एक सैनिक , देता हूँ दिन रात सुरक्षा!

हर भारतीय को मिले, चैन की नींद, यही है मेरी प्रतिज्ञा !!

न मुझे कोई त्योहार है,न मेरे पास मेरा परिवार है!

गोलियों से होली खेलना,और युद्ध समय पर भूख प्यास भुला कर सीमा पे देश रक्षा करना यही मेरा धर्म है!!


न ठंडी लगती है ,ना बारिश लगती है!

रात और दिन न मुझे नींद आती है!!

सीना तान के बंदूक लेके, मै रहता हूँ हमेशा तैयार!

दुश्मन दिखते ही करता हूँ, उसको गोलियों से बौंछार!!


जब भी छुट्टियों के बाद घर छोडता हूं, तब मां, बाप, बच्चे, बीबी पूछ्ते है, कब आवोगे वापस घर!

गर्व से कहता हूं कि बचुंगा तो तुम्हांरा, और नही बचा तो 130 करोड़ देश वासियों का!!

मत रोना मेरे परिवार,क्यूंकि मै बन जाउंगा एक शहीद अमर जवान!

रोंगठे खड़े होते हैं ऊस परिवार के,जब बच्चा कहता है ऊस सैनिक का, पापा मैंबनूंगा अगला वीर जवान!!


रोते हुए सैनिक, गर्व है मुझे मेरे शूर बच्चे और परिवार पर!

जो देता है मुझे हिम्मत हर हाल पर!!

सौगंध है ,मुझे मेरी भारत मां की!

नहीं छोडुंगा किसीं देश के गद्दार को ना किसी दुश्मन को

जब तक है भारत की तीनों सेनायें

पाकिस्तान न तू बचेगा ,न तेरा कोई आतंकवादी!!


वीर जवान, तुझे सलाम!

जय हिंद, जय भारत!!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Thriller