Mahesh V Brahmankar
Inspirational
चाहे आंधी हो या तुफान!
हमारा रुख नही बदलेगा!!
हमारी मंजिले है साफ!
हर ट्रेकिंग करेंगे हम कामयाब!!
फार्मा टुर्ना...
लोरी
रेल गाडी
सरकार
वक्त
ट्रेकिंग
माधुरी
मित्र
वैलेंटाइन डे ...
जिंदगी एक संघ...
गुलाब ही केवल क्या देना, एक पौधा ही उपहार दे आज! गुलाब ही केवल क्या देना, एक पौधा ही उपहार दे आज!
हमारा अगला पथप्रदर्शक हमारे दोस्त होते जो हर मुसीबत में हमारा साथ देते, हमारा अगला पथप्रदर्शक हमारे दोस्त होते जो हर मुसीबत में हमारा साथ देते,
कोकिला सरोजिनी नायडू को, अवतरण दिवस पर , कोटि-कोटि प्रणाम।। कोकिला सरोजिनी नायडू को, अवतरण दिवस पर , कोटि-कोटि प्रणाम।।
देखा जाए तो इसके सामने छोटा पड़ जाए पूरा आसमान। देखा जाए तो इसके सामने छोटा पड़ जाए पूरा आसमान।
यह आशीर्वाद रूकावटों में सफलता का मार्ग दिखाता है। यह आशीर्वाद रूकावटों में सफलता का मार्ग दिखाता है।
ऐसी दिखाई वफादारी, सदियों तक गूंजेगी चेतक तेरी किलकारी ऐसी दिखाई वफादारी, सदियों तक गूंजेगी चेतक तेरी किलकारी
कुछ वक्त के लिए ही सही मिट्टी के लिए अपना फर्ज तो निभा सका। कुछ वक्त के लिए ही सही मिट्टी के लिए अपना फर्ज तो निभा सका।
चिंतन मन न करो। कुछ करने की तैयारी करो। चिंतन मन न करो। कुछ करने की तैयारी करो।
पिता वह शख्स होते जो कभी भी अपने बच्चों के लिए दिखावा नहीं करते, पिता वह शख्स होते जो कभी भी अपने बच्चों के लिए दिखावा नहीं करते,
कभी अपना समझ के उसको बता दे तो! कभी अपना समझ के उसको बता दे तो!
गुरु ! एक रोशनी है जो अँधेरे में , हमें चलना सिखाती है। गुरु ! एक रोशनी है जो अँधेरे में , हमें चलना सिखाती है।
सूनी पड़ी, ज़िन्दगी की राहों में, मैं इंद्रधनुषी रंग भरना चाहती हूँ! सूनी पड़ी, ज़िन्दगी की राहों में, मैं इंद्रधनुषी रंग भरना चाहती हूँ!
अपनी हसरत तो कोई भी मिटा सकता है, वो हैवानियत है जमाने की हसरत कहाँ है। अपनी हसरत तो कोई भी मिटा सकता है, वो हैवानियत है जमाने की हसरत कहाँ है।
जिद है,सितारे तोड़ लाने की जिद है,कुछ कर गुजर जाने की। जिद है,सितारे तोड़ लाने की जिद है,कुछ कर गुजर जाने की।
जब से मेरी उम्मीदों ने मेरे दिल को छुआ है, मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है। जब से मेरी उम्मीदों ने मेरे दिल को छुआ है, मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है।
नारी क्या हो तुम, दुनिया से बोल दो नारी क्या हो तुम, दुनिया से बोल दो
शब्द हल खेत कुदाल बन जाते हैं, स्याही के जज्बात इंसान बन जाते हैं। शब्द हल खेत कुदाल बन जाते हैं, स्याही के जज्बात इंसान बन जाते हैं।
मुझे नशा है लिखने का ! मेरी निगाहें किसी चीज पर पड़ जाती हैं। मुझे नशा है लिखने का ! मेरी निगाहें किसी चीज पर पड़ जाती हैं।
यही तो है वो चौदह फरवरी जिस दिन इंसानियत मरी। यही तो है वो चौदह फरवरी जिस दिन इंसानियत मरी।
पढ़ लिखकर कुछ बन दिखाएंगे देश का नाम ऊंचा करेंगे। पढ़ लिखकर कुछ बन दिखाएंगे देश का नाम ऊंचा करेंगे।