बाँसुरी
बाँसुरी
मधुर स्वर का प्रतीक
बाँसुरी ....
श्री कृष्ण के सानिध्य में
शोभायमान
हर कोई चाहे ऐसा भाग्य
पर......
नहीं है आसान बांसुरी बनना
स्वयं में से स्वयं को खाली करना
बिल्कुल खाली /पोली
बांसुरी की तरह
प्रभु के इशारों पर बजना
दिल के छेद
पर दर्द ....
पीड़ा का अहसास
इसी लिए कभी कड़वा नहीं
मधुर स्वर ...
अहंकार का त्याग
खाली अंतर्मन
प्रभु का वास
स्वयं ही होगा
बांसुरी बनने का
अहसास.....
अपने आप बज उठेगी मधुर तान
जब आएगा किसी की सहायता का पैगाम।