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Sumit Mandhana

Tragedy

4.6  

Sumit Mandhana

Tragedy

एक पुरुष की पीड़ा

एक पुरुष की पीड़ा

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पुरुष होना भी कभी

आसान कहां होता है, 

बहुत सहना पड़ता है!

बहुत तपना पड़ता है!


 चेहरे पर हरदम 

मुस्कान ओढ़कर

 अपने गमों को 

छुपाना पड़ता है।

 भले अंदर कितना ही 

दर्द हो घुटन हो,

 मर्द को दर्द नहीं होता

 यही कहना पड़ता है।


पुरुष होना भी कभी 

आसान कहाँ होता है ,

बहुत सहना पड़ता है!

 बहुत तपना पड़ता है !



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